Screen Time Phome: मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से जा सकती है आंखों की रोशनी तो इन बातों का रखें ध्यान इन दुष्प्रभावों के बारे में जाने
Screen Time Phome : कुछ डॉक्टर विशेषज्ञों के अनुसार जो लोग ज्यादा फोन या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं उनकी आंखों में इन निम्न वत रोगों को देखा जा सकता है अक्सर ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने से और व्हाइट रोशनी के संपर्क में रहने से आंखों में से आंसू निकलने लगते हैं तथा अक्सर लोग सोशल मीडिया पर रहते हैं और दिन भर फोन चलाते हैं जिसकी वजह से उनकी आंखों पर सीधा असर पड़ता है
क्या आप भी मोबाइल फोन से दिनभर चिपके रहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें क्योंकि आपको सावधान हो जाने की बहुत जरूरत है यह आपकी आंखों की रोशनी छीन सकते हैं क्योंकि मोबाइल की डिस्प्ले से निकलने वाली वाइट रोशनी आपकी आंखों को सीधा प्रभावित करती है भले ही आप लोग दिनभर का ज्यादातर काम मोबाइल से करते हो या मोबाइल से जुड़ा हुआ आपका काम हो पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ के कारण होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर के अलर्ट किया गया है
स्मार्टफोन को ज्यादा इस्तेमाल करने से आपको कई ज्यादा बीमारियों और स्वास्थ्य हानिकारक हो सकता है डॉक्टर बताते हैं कि फोन या स्मार्टफोन तथा लैपटॉप कंप्यूटर किसी प्रकार स्क्रीन के संपर्क में अधिक रहना कई प्रकार नकारात्मक प्रभाव वाला हो सकता है बच्चों में इसके कारण ग्लूकोमा की बीमारी काफी तेजी से बढ़ती चली जा रही है और इसके प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं आई समझते हैं कि मोबाइल अधिक इस्तेमाल करने से हमारे लिए नकारात्मक प्रभाव कौन-कौन से हो सकते हैं
सबसे बड़ा जो नकारात्मक प्रभाव है वह आंखों की रोशनी पर पड़ता है क्योंकि आंखों की रोशनी पर नकारात्मक असर इसलिए पड़ता है जिसके कारण ड्राई आइस की समस्या होना काफी आम देखा जा सकता है और ऐसी समस्याएं लगातार आपके शरीर में पनपत्ति रहेगी क्योंकि आप जितना ज्यादा स्क्रीन के सामने रहेंगे उतना ही आपके दिमाग को बीमारी ग्रस्त नकारात्मक प्रभाव डालेंगे डॉक्टर का मानना है कि यह एक आदत ग्लूकोमा के खतरों को बढ़ावा देने वाली हो सकती है जो कि बुढ़ापे में जल्दी अंधे होने का कारण बन सकती है मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी कई प्रभाव से आंखों को प्रभाव डालती है
पढ़ने समय ध्यान केंद्रित न करना
जो लोग पढ़ाई करते हैं वह लोग यदि ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करें तो उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता है डॉक्टर कहते हैं कि मोबाइल की आवाज ही दुनिया में हमें विचलित करने वाली हो सकती है लेकिन छात्रों को यह आकर्षक लगता है कि वह घंटा खोए रहते हैं इस मोबाइल में लेकिन यह केवल भ्रामक है बल्कि आपकी मनुष्य स्थिति को भी प्रभावित करने वाली हो सकती है और जिन बच्चों का मोबाइल पर अधिक समय बीतता है वह लोग अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान तथा पठान-पाटन में ज्यादा ध्यान नहीं लगा पाते हैं उन्हें पढ़ाई करने में बहुत ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है डॉक्टर विशेषज्ञ इस बात को भी कहते हैं कि ज्यादा देर रात तक मोबाइल चलाने वाले लोग चिड़चिड़ापन पढ़ाई में मन ना लगा और दूसरों की बात ना सुना यह सभी कारण होते हैं
मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर
मोबाइल फोन पर वीडियो गेम और अन्य एप्लीकेशन गेम खेलने के लिए बच्चे अधिक इस्तेमाल करते हैं आपको बता दें कि इसके कारण बच्चों में चिंता और स्वास्थ्य कैसी बीमारियां तथा गंभीर मन से स्वास्थ्य समस्याओं को विकसित देखा जा सकता है जो लोग ज्यादातर मोबाइल चलाते हैं उनके सिर दर्द की समस्या बनी रहती है और इसके कारण माइग्रेन के खतरे को बढ़ावा हो सकता है यह चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी आपके लिए कारण बन सकता है आपको बातें बता दें यदि आप मन को स्वस्थ रखने के लिए कम से कम मोबाइल का इस्तेमाल करें जो लोग मोबाइल का कम इस्तेमाल करते हैं वह मां उनका शांत और शरीर स्वस्थ रहता है
इस तरह करें कम स्क्रीन टाइम
स्वास्थ्य विशेषज्ञ तथा डॉक्टर कहते हैं के मोबाइल फोंस या कंप्यूटर लैपटॉप किसी भी स्क्रीन का इस्तेमाल करते समय सभी लोगों के लिए हानिकारक है इस पर काम से कम समय बताना सीखें और डॉक्टर विशेषज्ञ इस बात को भी कहते हैं की रात को सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल को रख देना चाहिए तथा 1 घंटे पहले और एक घंटा सोने से पहले स्क्रीन के संपर्क से बचें और नोटिफिकेशन को मैसेज करें जिससे बार-बार मोबाइल देखने की आदत घट सकती है क्योंकि जब आपका नोटिफिकेशन ऑन होगा तो मोबाइल की तरफ मैसेज आने पर आकर्षित होंगे इसलिए इसके अलावा मोबाइल पर आई प्रोटक्शन लगे जिससे ब्लू लाइट के दुष्प्रवारों से बचा जा सके क्योंकि अब हर फोन में यह सब द दी गई है इस प्रोटेक्शन के लिए आप भी इन बातों का ध्यान रखें और मोबाइल से दूर रहे आवश्यकता के अनुसार ही मोबाइल को इस्तेमाल करें
कुछ डॉक्टर विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप स्क्रीन या स्मार्टफोन पर ज्यादा काम करते हैं तो आपको अपनी आंखों के प्रोटेक्शन के लिए नील कांच का ब्यूरोक्लासेस चश्मा पहनना चाहिए इस गिलास के कांच में स्मार्टफोन व्हाइट रोशनी कांच के अंदर प्रवेश नहीं करती है जिससे सिद्ध हमारी आंखों को इफेक्ट नकारात्मक क्षति नहीं होती है आपको बता दे आमतौर पर यह देखा गया है कि आंखों की रोशनी कम जो कारण बताया जा रहा है वह ज्यादा स्मार्टफोन या लैपटॉप पर कार्य करने की वजह से आंखों की प्रोटेक्शन ना होने के कारण आंखों को भारी नुकसान पहुंचता है जिससे हमारे शरीर में कई हानिकारक बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं और आने वाले समय में जो लोग मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं उनके लिए चश्मा होना अति आवश्यक है|