Navratri 2023 : नवरात्रि पर जरूर करें दुर्गा सप्तमी का पाठ इस तरह करें माता रानी की पूजा
Navratri 2023: प्रारंभ हो रहे हैं हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को माता रानी की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होता है आपको बता दें कि पहले दिन ही कलश स्थापना होती है और मां दुर्गा के पहले रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और मनोकामनाएं पूरी करने के लिए माता की आराधना की जाती हैं।
Navratri 2023 Update
जानते हैं की नवरात्रि पर दुर्गा सप्तमी पाठ करने के फायदे
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नवरात्रि पर मां दुर्गा की पूजा की जाती है और इन दोनों माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है तथा आराधना 9 दिनों तक लगातार होती है और नव रात्रि पर सुबह और शाम को मां दुर्गा की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है और भोग आरती और मंत्रोचार करने का विशेष महत्व होता है और तभी माता रानी की पूजा की जाती है तथा नवरात्रि में दुर्गा सप्तमी का पाठ करना बहुत ही सभी को लाभदायक होता है इसके पाठ से कई तरह के फायदे मिलते हैं। Navratri 2023
इस दुर्गा शक्ति का पाठ करने से आपको शांति धन सुख समृद्धि यश और मान सम्मान की प्राप्ति होती है सप्तशी में कुछ ऐसे ही स्रोत और मंत्र है जिससे माता रानी की पूजा की जाती है आप इस मंत्र को देख सकते हैं और पढ़ सकते हैं
सर्वकल्याण के लिए मंत्र , Navratri 2023
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।
बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।
आरोग्य और सौभाग्य प्राप्ति के लिए
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजही ||
इन नवरात्रि में माता रानी की पूजा की जाती है 9 दिनों लगातार पूजा चलती है और नवरात्रि का पर्व शक्ति का आराधना और साधना का परम माना गया है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा को लाल रंग बहुत ही प्रिय होता है जो धार्मिक ग्रंथ और शास्त्रों में लिखा गया है लाल रंग को वस्तु में भी शक्ति को शौर्य का प्रतीक माना गया है इसलिए देवी को अर्पित सभी किए जाने वाले वस्त्र और श्रृंखला की वस्तुएं तथा तथा जो माता रानी को फूल अर्पित किए जाते हैं तथा वह लाल रंग के ही फुल होने चाहिए। Navratri 2023
जैसा कि आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व माना गया है और नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा की उपासना का समय होता है तथा नवरात्रि मैं सभी लोग 9 दिन का व्रत रखते हैं और माता रानी की सेवा करते हैं।
और नवरात्रि के पहले दिन घर की साफ सफाई और मुख्य दरवाजे पर बंदनवार बांदा जाता है देवी मां की पूजा अनुष्ठान के दौरान घर के प्रवेश द्वार पर आम या अशोक के ताजे पत्ते और उन पेट वह बंदे जाते हैं जो हर होते हैं तथा पत्तों की बंधन बार लगाई जाती है क्या यह सब आप पहले से जानते थे आखिर क्यों ऐसा होता है तो आपको बता दें कि यह बंधन बंद इसलिए बांधा जाता है दरअसल घर में नकारात्मक या भूल शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं और माता रानी की कृपा बनी रहती है तथा यह भी मान्यताएं हैं की देवी मां की पूजा के दौरान देवी के साथ तामसिक शक्तियां भी घर में प्रवेश करती हैं लेकिन मुख्य द्वार पर बंधनवार लगी होने के कारण तामसिक शक्तियां घर के बाहर ही रहती हैं।
आखिर क्यों नवरात्रि में करते हैं कलश स्थापना
जैसा कि आप जानते हैं की नवरात्रि में 9 दिन का व्रत रखा जाता है और माता रानी की सेवा की जाती है तथा नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि पर मां सेल पुत्री की पूजा के साथ-साथ और 9 दिनों तक कलश स्थापना की जाती है नवरात्रि में कलश स्थापना का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है आपको बता दे की ग और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलश को सुख समृद्धि वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक भी माना जाता है कलश में सभी ग्रह नक्षत्र और तीर्थ का वास होता है और इनके अलावा ब्रह्मा विष्णु रूद्र सभी नदियों सगरो सरोवरों और 33 कोटी देवी देवता कलश में विराजमान होते हैं ऐसा ग्रंथ और मान्यता के अनुसार माना गया है आमतौर पर हिंदू सभी ग्रंथ और मान्यताओं के अनुसार ही अपनी पाठ पूजा करते हैं और भगवान में श्रद्धा रखते हैं।
जानते हैं कि नवरात्रि की नौ देवियां और नौ रंग
मां शैलपुत्री – मां को नारंगी रंग प्रिय है।
मां ब्रह्मचारिणी – मां को सफेद रंग प्रिय है।
मां चंद्रघंटा – मां को लाल रंग प्रिय है।
मां कूष्मांडा – मां को नीला रंग प्रिय है।
मां स्कंदमाता – मां को पीला रंग प्रिय है।
मां कात्यायनी – मां को हरा रंग प्रिय है।
मां कालरात्रि – मां को स्लेटी रंग प्रिय है।
मां महागौरी – मां को बैंगनी रंग प्रिय है।
मां सिद्धिदात्री – मां को हरा रंग प्रिय है।
नवरात्रि पर अखंड ज्योति क्यों को क्यों जलते हैं आईए जानते हैं
आज 15 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो चुकी है और नवरात्रि के पहले ही दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना और अखंड ज्योति जलाई जाती है और माता रानी की 9 दिनों तक महाशक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर मां दुर्गा की उपासना करते हैं और माता रानी का आशीर्वाद लेते हैं जरूरी नहीं के खानदान ज्योतिपुर नौ दिनों तक ही जलाई जाए अष्टमी या नवमी के दिन पूजा के समय 24 घंटे के लिए भी अखंड दीपक जलाया जा सकता है ऐसा धार्मिक ग्रंथ और के अनुसार माना गया है मान्यता इस प्रकार है कि अखंड ज्योति घर में जलाने से या माता रानी की पूजा करने से सभी नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर हो जाती हैं और माता रानी की कृपा सदा सदा के लिए आप पर बनी रहती है तथा यश एवं प्रसादी मिलती है।
यदि आप ही रहते हैं 9 दिन व्रत इन तो रखें इन चीजों को घर पर
हिंदू धर्म के अनुसार माना गया है कि नवरात्रि में मां दुर्गा 9 दिनों के लिए पृथ्वी पर रहती हैं और अपने सभी भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और वहीं सभी भक्तगण 9 दिनों के लिए मां दुर्गा के स्वरूपों की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं और घर में इन चीजों का होना अति आवश्यक है जैसे के सोलह सिंगार की चीज ,श्रीयंत्र ,दक्षिणतवर्ती शंकर , मोर पंख ,लाल फूल, नारियल आदि।
माता रानी शैलपुत्री के मंत्र
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जैसा कि बताया गया है कि नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा और साथ में इन से जुड़े सभी मित्रों का जब किया जाता है हर व्यक्ति इन मित्रों को पड़ता है तथा समस्याओं से मुक्ति मिलती है और माता रानी का आशीर्वाद भी मिलता है और उसके जीवन में सुखिया सुख समृद्धि आती हैं इसके अलावा जीवन में मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करने वाले व्यक्ति के जीवन में शांति और खुशियों की बौछार होती है।
मां शैलपुत्री मंत्र इस प्रकार है
ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
आप सभी लोग माता रानी के इस मंत्र को उच्चारण करके माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं इस मंत्र की सभी लाइन पड़े और माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
नवरात्रि के नौ दिनों तक पूजा की जाती है और इन नौ दिनों में आपको जरूर नवरात्रि पर मां दुर्गा की इस आरती को गाना चाहिए
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
मांग सिंदूर विराजत, टीको जगमद को।
उज्जवल से दो नैना चन्द्रवदन नीको।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
शुंभ निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
ब्रम्हाणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शव पटरानी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
आखिर क्या है नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने का महत्व
आज 15 अक्टूबर से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है और सभी माता रानी का क्या आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए माता रानी की पूजा कर रहे हैं आपको बता दें कि यह नवरात्रि का शारदीय नवरात्रि का पर्व 24 अक्टूबर तक रहेगा और मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का विधि विधान से पूजा की जाएगी। और जैसा की ममता के अनुसार है की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ मां के पहले स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा उपासना की जाती है और फिर शैलपुत्री पर्वत राज हिमालय की पुत्री हैं और इस दिन आनंद शक्तियों वाली मां की पूजा करते समय उपासक को लाल गुलाबी नंगी एवं रानी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से पूजा के लाभ के साथ-साथ माता रानी की कृपा हुई बनी रहती है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
यदि आप भी माता रानी की सेवा करते हैं और नवरात्रि में 9 दिन का व्रत रहते हैं तो इस घट स्थापना पर इन पूजा सामग्रीगी का करें प्रयोग यह पूजा सामग्री कुछ निम्न प्रकार
1.जों
2.जल का कलश
3.लॉन्ग
4.कपूर
5.मौली
6.रोली
7.चावल
8.सिक्के
9.अशोक
10.आम के पत्ते
11.नारियल
12.चुनरी
13.फल
14.फूल
इन सभी सामग्री का होना अति आवश्यक है और आपको पूजा करने की विधि ऊपर इस पोस्ट में बता दी गई है इसी प्रकार आप अपनी पूजा करें और माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करें आपको बता दे हिंदू धर्म के अनुसार 9 दिनों तक मां दुर्गा पृथ्वी पर ही वास करती हैं और सभी अपने भक्तगणों की पूजा रचना के माध्यम से सुनती हैं और आशीर्वाद देती हैं और उन सभी भक्तगणों के जीवन में सुखिया का अपार भंडार होता है।